यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड

 

यह लेख यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड भारत के बारे में है।


भारत देश के उत्तराखंड राज्य के उत्तरकाशी जिले गढ़वाल के पश्चिम में हिमालय पर्वत के 3,291 मीटर की ऊंचाई पर यमुनोत्री मंदिर स्थित है। इस मंदिर में देवी यमुना जी की एक काली संगमरमर की मूर्ति स्थापित है। यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड का एक मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं। हनुमान चट्टी शहर से 13 किलोमीटर और जानकी चट्टी से 6 किलोमीटर की दूरी पर मुख्य मंदिर स्थिति है।



मंदिर पर पहुंचने के लिए घोड़े या पालकी के द्वारा पंहुचा जा सकता हैं दोनों किराए पर उपलब्ध रहते हैं। हनुमान चट्टी से यमुनोत्री तक की पैदल यात्रा कई झरनों को देखती है। हनुमान चट्टी से यमुनोत्री तक दो ट्रेकिंग मार्ग हैं, एक दाहिने किनारे से मार्कंडेय तीर्थ से होकर जाता है, जहाँ ऋषि मार्कंडेय ने मार्कंडेय पुराण लिखा था, दूसरा मार्ग जो नदी के बाएँ किनारे पर स्थित है, जहाँ से खरसाली से गुज़रता है, जहाँ से यमुनोत्री पांच या छह घंटे की चढ़ाई पर है।

यमुनोत्री मंदिर इतिहास और आसपास


18 वीं शताब्दी यमुनोत्री मंदिर का निर्माण अमर सिंह थापा ने करवाया था। कुछ समय बाद यह मंदिर क्षतिग्रस्त हो गया था।  19 वीं शताब्दी में फिर से इस मंदिर को बनाया गया। यह मंदिर बंदरपंच की पृष्ठभूमि पर स्थित है। यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए चार धाम तीर्थयात्रा का हिस्सा है।



मंदिर भक्तो के लिए अक्षय तृतीया के दिन खोल दिया जाता है और दिवाली के दूसरे दिन बाद बंद कर दिया जाता है। इस मंदिर से थोड़ा आगे यमुना नदी का वास्तविक स्रोत है जो लगभग 4,421 मीटर की ऊंचाई पर है। यमुनोत्री में दो हॉट स्प्रिंग्स भी मौजूद हैं, जो थके हुए भक्तो को राहत देते हैं, सूर्य कुंड में उबलता हुआ गर्म पानी है, इस गर्म पानी से चावल और आलू पकाया जा सकता हैं।



भक्तो द्वारा इस गर्म पानी में कच्चे चावल पकाया जाता है जो प्रसाद बनाने के काम में आता हैं। जबकि दूसरा गौरी कुंड से स्वच्छ और ठंडा जल निकलता जो स्नान करने के काम आता हैं। मंदिर में और  आस पास  ठहरने के लिए लॉजिं,  कुछ छोटे आश्रमों और गेस्ट-हाउस उपलब्ध हैं।  पूजा अनुष्ठान और प्रसाद की देखरेख और वितरण जैसे कार्य पुजारियों या उनके परिवारों के द्वारा किया जाता है।


यमुनोत्री मंदिर में कौन से भगवान है?


यमुनोत्री मंदिर में देवी यमुना जी की एक काली संगमरमर की मूर्ति स्थापित है। यमुनोत्री मंदिर उत्तराखंड का एक मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं। हनुमान चट्टी शहर से 13 किलोमीटर और जानकी चट्टी से 6 किलोमीटर की दूरी पर मुख्य मंदिर स्थिति है।



यमुनोत्री ट्रेक कब तक है?


यमुनोत्री मंदिर अपनी ट्रैकिंग के लिए प्रसिद्ध पुरे भारत में प्रशिद्ध हैं। अप्रैल से नवम्बर तक मंदिर बंद रहता है। यमुनोत्री ट्रेक रूट हनुमान चट्टी से यमुनोत्री तक का हैं इसकी लम्बाई करीब १४ किलोमीटर हैं।  

यमुनोत्री कैसे पहुँच जा सकता हैं ? / देहरादून से यमुनोत्री कैसे पंहुचा जा सकता हैं ?


यमुनोत्री हिन्दू मंदिर का निकटतम भारतीय रेलवे स्टेशन देहरादून हैं। इस स्टेशन से  यमुनोत्री हिन्दू मंदिर की दुरी करीब ८८ किलोमीटर हैं। यमुनोत्री हिन्दू मंदिर पहुँचने के लिए देहरादून रेलवे स्टेशन से कार, जीप या अन्य सार्वजनिक परिवहन के द्वारा पंहुचा जा सकता हैं। 


मुझे पहले किस धाम की यात्रा करनी चाहिए?


चार धामों का मतलब चारो दिशाओ में स्थित तीर्थस्थानों या मंदिरो का दर्शन करना। ये चारो धामों का नाम यमुनोत्री धाम, गंगोत्री धाम, बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम हैं। यमुनोत्री धाम की यात्रा सबसे पहले करनी चाहिए ।

बद्रीनाथ से गंगोत्री कितनी दूर है?


बद्रीनाथ धाम से गंगोत्री धाम के बीच की दूरी करीब 491 किलोमीटर हैं। बद्रीनाथ धाम से गंगोत्री तक सड़क मार्ग से यात्रा का समय करीब 11 से १२ घंटे लगते हैं। 

हरिद्वार से गंगोत्री कितनी दूर है?


हरिद्वार से गंगोत्री धाम की दुरी करीब 286 किलोमीटर हैं  

गंगोत्री से यमुनोत्री कितनी दूर है? / यमुनोत्री से गंगोत्री के बीच की दूरी ?


यमुनोत्री से गंगोत्री की दुरी करीब 227 किलोमीटर हैं। 


गंगोत्री और यमुनोत्री क्या हैं?


राजा भागीरथ के अथक प्रयास से गंगा जी आकाश से पृथ्वी पर आयी थी 
गंगा और यमुना के उद्गम स्थल का नाम गंगोत्री और यमुनोत्री हैं। ये दो पवित्र नदियाँ हिन्दुओ में बहुत ही पूजनीय हैं।  हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, गंगोत्री एक ऐसा स्थान है जहां राजा भागीरथ ने तपस्या की जिसके बाद गंगा नदी पृथ्वी पर आ गई।

यमुनोत्री मंदिर खुलने का समय ?


मई से अक्टूबर महीना ( दिवाली ) तक यमुनोत्री हिन्दू मंदिर खुलने का समय सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक हैं और आरती का समय: शाम 6:30 बजे - शाम 7:30 बजे तक रहता हैं। 


यमुनोत्री मंदिर का निर्माण किसने किया था?


यमुनोत्री मंदिर हिन्दुओ के लिए एक पवित्र तीर्थ स्थल हैं यह छोटा चार धामों में से एक हैं, मूल यमुनोत्री हिन्दू मंदिर का निर्माण करीब 19 वीं शताब्दी में जयपुर के महारानी गुलेरिया द्वारा करवाया गया था 

यमुनोत्री जाने के लिए सबसे अच्छा समय क्या है?


यमुनोत्री मंदिर की यात्रा करना अपने आप में आनंद मय हैं , यमुनोत्री हिन्दू मंदिर जाने का सबसे अच्छा और आदर्श समय मई से जून और सितंबर से नवंबर के बीच है।  यमुनोत्री धाम में अक्टूबर से मार्च तक सर्दी का मौसम रहता है। इस मौसम में, जगह बर्फबारी होती रहती जिसका लुफ्त उठाया जा सकता हैं। 

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