अन्नामलाई मंदिर, तिरुवनमलाई तमिलनाडु, समय, इतिहास और फोटो, भारत देश के तमिलनाडु राज्य के थिरुवन्नमलाई शहर में अन्नामलाई मंदिर स्थित हैं। अन्नामलाई मंदिर को अरुणाचलेश्वर के रूप में भी जाना जाता है। यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। अन्नामलाई शिव मंदिर करीब 25 एकड़ में फैला हुआ हैं, भारत के सबसे बड़े मंदिर परिसरों में से एक माना जाता है। इसकी सुंदरता और संरचना आपको मंत्रमुग्ध कर देता है।
अन्नामलाई मंदिर, तिरुवनमलाई तमिलनाडु
इस प्राचीन मंदिर की उचाई लगभग 66 मीटर हैं , इस मंदिर में हजार-स्तंभ लगे हुए हैं। पुजारी मंदिर का अनुष्ठान दिन में छह बार बहुत कड़ाई से करते हैं। अन्नामलाई मंदिर में अग्नि लिंग के रूप में भगवान शिव को अग्नि के एक स्तंभ के रूप में दर्शाया गया है। भगवान शिव की पूजा एक विशाल अग्नि के स्तंभ के रूप में की जाती है जो एक अंतहीन घटना है। 9 वीं शताब्दी ईस्वी के आसपास चोल वंश
इसमें भव्य परिसर में कुछ और तीर्थस्थल शामिल हैं, जिनमें से भगवान अन्नामलेयार और देवी उन्नावलाईमन के मंदिर प्रमुख हैं। नवंबर और दिसंबर महीनो के मध्य मंदिर में कार्तिगाई दीपम का त्यौहार मनाया जाता हैं, कार्तिगई दीपम का उत्सव 8 वीं शताब्दी से चल रहा है, भगवान अन्नामलाईयार के जुलूस को पहाड़ी के चारों ओर परिक्रमा पर ले जाया जाता है। यह त्यौहार मंदिर में होने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक हैं।
अन्नामलाई मंदिर में प्रतिवर्ष दस लाख से अधिक लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। यह दक्षिण भारत का एक प्राचीन और भव्य शिव मंदिर हैं जो हिंदुओं के लिए बहुत महत्व और जीवन के महान अनुष्ठानों में से एक है। अन्नामलाई हिन्दू मंदिर के अलावा, तिरुवनमलाई शहर में कई प्रशिद्ध आश्रम मौजूद है , देश और विदेशो से अनेको साधक आत्म-साक्षात्कार और आंतरिक शांति के लिए इस प्राचीन शिव मंदिर और शहर का दौरा करते हैं। लोगो का ऐसा मानना हैं की इस शिव मंदिर में मन से पूजा करने से लोगों के पाप दूर हो जाते हैं। यह यहां है कि कई ऋषियों और महर्षियों ने अतीत में मोक्ष प्राप्त किया है।
चोल वंश ने मुख्य मंदिर का निर्माण 9 वीं शताब्दी में करवाया था।
तिरुवन्नामलाई में आठ लिंगम हैं यह आठ दिशाओं में स्थित हैं। उनके नाम क्रमशः इंद्र लिंगम, अग्नि लिंगम, यम लिंगम, निरूथी लिंगम, वरुण लिंगम, वायु लिंगम, कुबेर लिंगम और एसनिया लिंगम हैं।
अरुणाचलम एक शिव मंदिर हैं और तिरुवन्नमलाई एक शहर का नाम हैं , तमिलनाडु राज्य में एक पहाड़ी है और इस पहाड़ी को अन्नामलाई, अरुणगिरि, अरुणाचलम, अरुणई, सोनागिरी और सोनाचलम नामों से भी जाना जाता है।
सुरम्य अन्नामलाई पहाड़ियों पर स्थित अरुणाचलम हैं। दक्षिण भारत और दुनिया का यह सबसे बड़ा शिव मंदिर है। इस शिव मंदिर में 4 प्रवेश द्वार हैं।
तेरुवन्नमलाई मंदिर भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है, इसकी ऊँचाई करीब ६६ मीटर ( 217 फ़ीट) हैं।
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